hindi sahitya
बुधवार, 29 अगस्त 2012
दिल से
दिवार से मेरा नाम मिटा तो दोगे पर, दिल से कैसे..!
याद आऊँगा फिनिक्स बन कर, आये वो जल कर जैसे ।
तहज़ीब का तकाज़ा
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