hindi sahitya
रविवार, 26 अगस्त 2012
नेत्रदान
नेत्रदान
जिंदगी के लम्हें हैं कम,
हर लम्हों में जी लो जीवन,
मौत कभी भी है अनजान,
अमर रहना है, तो कर दो
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