hindi sahitya
सोमवार, 27 अगस्त 2012
इक बार आके मेरा गाँव देखिए !
इक बार आके मेरा गाँव देखिए !
कितने बदल गये है लोग उनका स्वभाव देखिए
माँ कि तरह भाभियाँ भी जहाँ करती थी
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