hindi sahitya
शुक्रवार, 31 अगस्त 2012
जख्म
आवादी के दलदल में /धंसे पैर लेकर
उबरने की कोशिश में
और धंसता जा रहा है /आहत देश |
ह्रदय की कन्दराओं में /स्निग्ध
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