hindi sahitya
सोमवार, 24 सितंबर 2012
बदलाव चाहिये
बदलाव चाहिये
सुबह की चाय
हाथ मे अखवार
वही खबर
लूटमार
बलात्कार
भ्रस्टाचार
पढ़ते पढ़ते
चाय ठंडाई
छाई
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