hindi sahitya
गुरुवार, 27 सितंबर 2012
दिल की दरार
दिल की दरार । (गीत)
दिल की दरार से, दर्द का लावा बह रहा है ।
दोस्त, राख बन कर अब वो, पछतावा कर रहा है
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