hindi sahitya
रविवार, 20 जनवरी 2013
मोहब्बत का तराना कभी, इस दिल-ए-नादाँ ने भी गाया था !
मोहब्बत का तराना कभी,
इस दिल-ए-नादाँ ने भी गाया था !
गुमसुम कही अजनबी खयालो में खोये थे,
जब ये दास्ताँ सुनाया था !
खिल
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