hindi sahitya
बुधवार, 30 जनवरी 2013
अर्थी उठाने वाले मेरे खुरदरे हाथ
अर्थी उठाने वाले मेरे खुरदरे हाथ / डॉ. कर्मानंद आर्य
हँसो जितना हँस सकते हो
मुझसे उतनी ही नफरत करो जितनी मौत
डॉ.कर्मानंद आर्य की कविताएँ
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