hindi sahitya
शनिवार, 18 अगस्त 2012
बहुत रात हो गई है
मुस्कुराना आब क़यामत की बात हो गई है
कोई कहता है मुझे सो जाओ ,बहुत रात हो गई है
कभी चूमा करता था जिन होठो को मै
उन्ही
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