hindi sahitya
शनिवार, 4 अगस्त 2012
तेरी फितरत:-
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क्या होती है इबादत ये जानती हूँ मैं !
इस दुनियां के सारे रंग पहचानती हूँ मैं !!
मैं रुसवा हो गयी
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