hindi sahitya
शनिवार, 18 अगस्त 2012
तुम्हारी नजर झुके तो शाम हो जाये
तुम्हारी नजर झुके तो शाम हो जाये
मयखाने में भीड़ जाम पे जाम हो जाये
तुम चाहो तो कुछ भी कर दो
अगर पानी छु दो तो शराब
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