hindi sahitya
गुरुवार, 9 अगस्त 2012
सर जी
तुमने सोचा तो बहुत था
हमें बेड़ियों में बाँध
अपने इशारों पर नचाओगे
चाबुक दिखाकर डराओगे
तुम आगे चलोगे
हम
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