hindi sahitya
गुरुवार, 20 सितंबर 2012
मैं
दीये सा जलता हूँ मैं
हवाओं सा बहता हूँ मैं
नफरत सा पैदा होता हूँ
प्यार सा बढ़ता हूँ मैं
अपनों की फ़िक्र है
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