hindi sahitya
बुधवार, 19 सितंबर 2012
कहीं किसी ओर ......
मैं ढूंढता रहा हूँ अब तक
कहाँ हो तुम
आओ चलें
कहीं किसी ओर
किसी आकाश के नीचे
किसी बदल के पीछे
आओ
मुहब्बत हमेशा
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