hindi sahitya
गुरुवार, 20 सितंबर 2012
आईना सामने और दिखती नहीं हूँ मैं.....
यहाँ होकर भी , यहाँ नहीं हूँ मैं,
आईना सामने और दिखती नहीं हूँ मैं..
मुस्कुरा के हालात-ए-ग़म सहेती हूँ यारो,
अब चिलाती
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