hindi sahitya
रविवार, 16 सितंबर 2012
चाँद चिलमन से यूँ निकल रहा है....
चाँद चिलमन से यूँ निकल रहा है ,
जैसे चराग कोई बाम पे जल रहा है ,
इसे इत्तेफाक कहें या मुहब्बत कहें ,
अन्धेरा रौशनी के
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