hindi sahitya
शुक्रवार, 14 सितंबर 2012
मेरी कहानी
ये किस डगर चल पड़ा था जिसमे,
मुसाफिर भी मैं ही और हमसफ़र भी मैं ही था !!
ये कैसी बिमारी थी जिसमे,
चीख भरी ख़ामोशी भी
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