hindi sahitya
शुक्रवार, 14 सितंबर 2012
पानी तो रोज पीता हुँ मैँ...
पर आज एक प्यास कुछ ऐसी लगी मुझे,
की उसने पानी को मेरे नाम कर दिया.
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सपने तो रोज देखता हुँ
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