hindi sahitya
गुरुवार, 27 दिसंबर 2012
नहीं रोती हूँ मैं
नहीं रोती हूँ मैं
अगले सावन आने तक
मेह में भीगती हूँ, तब मैं रोती हूँ
कितनी-कितनी देर रोती हूँ
तन गलता है, मन
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