hindi sahitya
रविवार, 30 दिसंबर 2012
17-रहेंगे दिल में ये समझा था वो ख़ुशी बनकर
ग़ज़ल
रहेंगे दिल में ये समझा था वो ख़ुशी बनकर
मिटा रहे है वही मुझको ज़िन्दगी बनकर
वो मेरे ज़िस्म
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