hindi sahitya
रविवार, 30 दिसंबर 2012
जीवन के पथरीले रास्ते पर...
जीवन के पथरीले रास्ते पर,
कुछ खोया, कुछ पाया है हम ने |
कहीं धूप मिली, कहीं छाँव मिला,
हर मौसम को हँस के, बिताया है हम
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