hindi sahitya
शुक्रवार, 28 दिसंबर 2012
उम्र जो बढ़ी
उम्र जो बढ़ी
बढ़ा जोश उनका
कुछ पद था
कुछ पैसे का बल
माता पिता की
थी अपनी दुनिया
लड़खड़ाती
हाथों में ले के
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