hindi sahitya
शनिवार, 12 जनवरी 2013
वक्त
हरी के हात मे
हरि थी केला !
उस दीन के हात मे
इस दिन भी ठेला !
एक तरफ उँची इमारत
दुसरी तरफ है खोली !
या खुदा! ये कौन
पूरा पढ़े ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें