hindi sahitya
सोमवार, 7 जनवरी 2013
साधु
साधु
ढूढ़ रहे हो किसे तुम
साधु
भटक रहे हो
निकल के घर से
जैसे बीच समंदर मे
प्यासे माझी
जल जल देखे
जल को
पूरा पढ़े ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें