hindi sahitya
शुक्रवार, 11 जनवरी 2013
जिंदगी के छंद
कविता व उपन्यास होती जिंदगी-
तो लगा लेते,
अनुप्रास,
उपमा,
श्लेष।
गढ़ लेते अपने पसंद के कोई और
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