hindi sahitya
शुक्रवार, 4 जनवरी 2013
ज़िन्दगी के दिन सुहाने ग़म के खाने हो गए
ज़िन्दगी के दिन सुहाने ग़म के खाने हो गए
मुश्किलें आई तो अपने भी बेगाने हो गए
आज भी उनकी अदायों में वही है
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