hindi sahitya
शनिवार, 12 जनवरी 2013
हर कोई अपने हैं
हर कोई अपने हैं
अब केवल सपने हैं
दुःख सुख के साथी सब
गिनती में कितने हैं
झूठे हो याकि सच्चे
अजमाया किसने हैं
सीरत
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