hindi sahitya
शनिवार, 12 जनवरी 2013
जिन दरख्तों की गहरी जड़े हैं
जिन दरख्तों की गहरी जड़े हैं
वे आँधियों में तनके खड़े हैं
के बारां से मुझको डरा मत
तेरे घर भी कच्चे घड़े हैं
सच
tree
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