hindi sahitya
शनिवार, 28 जुलाई 2012
बेटी ससुराल चली
नये लोग, नये रिश्ते की बुनियाद
डर लगा क्या जाने कैसे होगी आबाद
बिदाकर, भयभीत लज्जित, सहमा
आंसू निकले, चली यादों की
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