hindi sahitya
शुक्रवार, 27 जुलाई 2012
जीयें कैसे ?
जीना-मरना क्या है
आनेवाला चला जाता
लोट के कब आता ?
यादें भर रह जाती
इतिहास की पाती
बाकी रहता चरित्र बिशेष
यादों के
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