hindi sahitya
मंगलवार, 31 जुलाई 2012
जब तुम थी...
जब तुम थी
और मै भी था
हवाएँ काफी सर्द थी
और
आज
पता नहीं हवाओं को क्या हो गया है
कितने ही घरों को खाक कर डाला
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