hindi sahitya
शुक्रवार, 27 जुलाई 2012
ज़िन्दगी की श्याम है
ज़िन्दगी की श्याम है
डूबते सूरज जैसे
भोर की सुनहरी लाली
दोपहर का तेज प्रकाश
एक-एक कर विदा हो गए
छा रही कालिमा धीरे
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