hindi sahitya
बुधवार, 1 अगस्त 2012
छू हो गई
बढ़ती उम्र थी, जवानी छू हो गई
खुशबू सूखे गुलाब की छू हो गई
अब होश में आए तो क्या आए
जब रोशनी चिरागों की छू हो
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