hindi sahitya
बुधवार, 1 अगस्त 2012
बचपन
उसे बचपन न समझो वह फुल सी कली है !
जहा न हो बच्चे वह कौन सी गली है !!
कुछ की होती है गर्भ मे हत्या !
तथा कुछ करते है यौवन
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