hindi sahitya
बुधवार, 26 दिसंबर 2012
06-मुझको जन्नत न बाग़े इरम चाहिए
नात - ए - रसूल=
मुझको जन्नत न बाग़े इरम चाहिए=
रब के दिलबर का नक़्शे क़दम चाहिए=
मेरी आँखे तरसती है दीदार को=
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