hindi sahitya
शनिवार, 22 दिसंबर 2012
नित नया किनारा ...??
अपने सागर में सिमटी ...
अपनी सीमाओं के संग ....
करती है हिलोर ......
मिटने को उठती है प्रत्येक उत्ताल लहर .....
क्यों
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