hindi sahitya
रविवार, 23 दिसंबर 2012
खुद की नज़र मे गिरा!!!
खुद की नज़र मे गिरा!!!
मंजिल बदल लेने से रास्ते बदलते नहीं ;
आईने मे तस्वीर मेरी रुहु से नहीं मिलती,
हम जींदे तो खड़े
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