hindi sahitya
बुधवार, 19 दिसंबर 2012
जमीन के अमीन
घर-घर ढूढों व जंजीरे व तक्दीरें
आज आई है इन्तहा की घडीं
जागो ओर देखो अपना गांव अपना देश
जो बना है आज एक शोला
आज पीट
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