hindi sahitya
सोमवार, 14 जनवरी 2013
ठिठुरन
ठिठुरन
सफ़ेद धुएँ की चादर में लिपटी
सुबह की लालिमा क्यूँ यूं छिपती
ठण्ड में रंग कोहरे का गहरा हो जाता
तमाम गरम
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