hindi sahitya
शनिवार, 30 जून 2012
नाई/ असद जैदी
एक दिन दाढ़ी बनवाते हुए
मैं उस्तरे के नीचे सो गया
कई बार ऎसा होता है
कि लोग हजामत बनवाते हुए
सो जाते हैं
उस्तरे,
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