hindi sahitya
रविवार, 24 जून 2012
जुलाई में मल्लाह
समुद्र खदक रहे हैं किसी देगची में
वे जहाज़ अब तक नहीं लौटे
जिन पर सवार थे वज्र जैसी बाँहों वाले मल्लाह
जिन के भीतर
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