hindi sahitya
शुक्रवार, 22 जून 2012
न जाने किसे पुकारता हूँ !
न जाने किसे पुकारता हूँ.
“खुदा नहीं है ”
ये औरों से कहता हूँ.
‘ख़ुद’ न जाने किसे पुकारता हूँ .
मंदिर – मश्जिद,
hindi kavita
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें