hindi sahitya
रविवार, 24 जून 2012
समझ मन अवसर बित्यो जाय / शिवदीन राम जोशी
समझ मन अवसर बित्यो जाय |
मानव तन सो अवसर फिर-फिर, मिलसी कहाँ बताय ||
हरी गुण गाले प्रभु को पाले, अपने मन को तू समझाले
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