hindi sahitya
शुक्रवार, 29 जून 2012
शेर १- असर लखनवी
(1)
अच्छा है डूब जाये सफीना1 हयात2 का,
उम्मीदो-आरजूओं का साहिल3 नहीं रहा।
(2)
अपने वो रहनुमा 4 हैं कि मंजिल तो
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