hindi sahitya
रविवार, 22 जुलाई 2012
aap ke liye.....दो आने पैसे में क्या क्या मनाऊँ .... होली है घर पर ईद है सर पर न तन पर कपड़ा न सर पर है टोपी ... मैं कपड़ा सिलाऊं कि..होली मनाऊँ .. -- दो आने पैसे में क्या क्या मनाऊँ ....
दो आने पैसे में क्या क्या मनाऊँ ....
होली है घर पर ईद है सर पर
न तन पर कपड़ा न सर पर है टोपी ...
मैं कपड़ा सिलाऊं कि..होली
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