रविवार, 1 जुलाई 2012

ना सखी श्याम हमारे कहे को / शिवदीन राम जोशी

थाकी गई यसुधा समुझा, हम बरज थकी, सब राम ही जाने |
ओलमू लावत नन्द को नंदन, छेर करे री रह्यो नहीं छाने |
गुवालनी ढीठ वे

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