hindi sahitya
शनिवार, 14 जुलाई 2012
निकाल दो जिक्र दिल की किताब से
निकाल दो जिक्र दिल की किताब से
अच्छा रहेगा शायद, मेरे हिसाब से
कहो न दिल की बात, पूछा तो कह दिया
नाराज़ हो गये तुम
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