hindi sahitya
मंगलवार, 17 जुलाई 2012
नयन तेरे
सच है जो नयन तेरे, कहाँ जाएँ जो आँखों से मेरे! या मह्सुस करूँ उसे जो, बहता है सांसो में मेरे!
वही दर्द को समझ सका है
पूरा पढ़े ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें