hindi sahitya
रविवार, 15 जुलाई 2012
जैसे हवा का एक झोंका है
जैसे हवा का एक झोंका है
ये ज़िन्दगी, अदभुत है, अनोखा है
रेत पे लिख दो नाम, किसने
लहरों को मिटाने से रोका है
फूल
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