hindi sahitya
गुरुवार, 9 अगस्त 2012
बाल मुकुन्दं !!
करारविन्देन पदारविन्दं, मुखारविन्दे विनिवेशयानम !
बटस्य पत्रस्य पुटे शयानं, बालं मुकुन्दं मनसा स्मरामि
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